नगर उंटारी अंचल ऑफिस में बड़ा खेला, आदिवासी खाते की भूमि का हुआ म्यूटेशन

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आरएसआई सह प्रभारी सीआई राजकुमार साव ने किया खेल

 

श्री बंशीधर नगर :– नगर ऊंटारी अंचल कार्यालय के आरएसआई सह प्रभारी सीआई राजकुमार साव के कथित काले कारनामों से अंचल कार्यालय सुर्खियों में आ गया है। यहां बड़ा खेला हुआ है। जिस जमीन का म्यूटेशन पिटीशन अंचल से दो बार और डीसीएलआर की कोर्ट से एक बार रिजेक्ट हो चुका है, उसी को आरएसआई सह प्रभारी सीआई ने रिपोर्ट कर म्यूटेशन करा दिया है। उक्त भूमि आदिवासी खाते के होने के कारण म्यूटेशन पिटीशन रिजेक्ट हुआ था। अंचल से दो दो बार म्यूटेशन पिटीशन रिजेक्ट होने के बाद उक्त मामले में आरएसआई सह प्रभारी सीआई की खास मेहरबानी और नियम के विरुद्ध रिपोर्ट करने के मायने सभी समझ रहे हैं। यह मामला नगर ऊंटारी प्रखंड के बीडब्लूओ सोशलिस्ट राम से जुड़ा हुआ है।

क्या है मामला

नगर ऊंटारी प्रखंड के बीडब्लूओ सोशलिस्ट राम की पत्नी नीलम देवी ने जंगीपुर में स्थित 3 डिसमिल जमीन के म्यूटेशन के लिये वर्ष 2021-22 में नगर ऊंटारी अंचल कार्यालय में आवेदन दिया था। जिसका केस नंबर 704/2021-22 था। म्यूटेशन प्रक्रिया के दौरान कागजात जांच के बाद आरएसआई सह प्रभारी सीआई के रिपोर्ट में उक्त भूमि आदिवासी खाते की करार दिये जाने के आधार पर तत्कालीन सीओ अरुण कुमार मुंडा ने म्यूटेशन पिटीशन को रिजेक्ट कर दिया था। इसके बाद आवेदक ने उपरी राजस्व न्यायालय डीसीएलआर की कोर्ट में अपील दायर की थी। नामांतरण अपील वाद संख्या 32/2022-23 पर विधिवत सुनवाई और लीगल ओपिनियन के बाद तत्कालीन डीसीएलआर आईएएस अधिकारी आलोक कुमार ने उक्त भूमि आदिवासी खाते की होने के कारण सीओ के आदेश को जायज ठहराते हुये अपील को खारिज कर दिया था। इसके बाद आवेदक ने उपरी राजस्व न्यायालय एसी की कोर्ट में अपील करने के बजाय पुनः वर्ष 2023-24 में म्यूटेशन के लिये नगर ऊंटारी अंचल कार्यालय में पिटीशन दिया। जिसका केस नंबर 958/2023-24 था। जिसके बाद कागजात की जांच और सुनवाई के बाद तत्कालीन सीओ अदिती गुप्ता ने म्यूटेशन पिटीशन को रिजेक्ट कर दिया था। आवेदक ने डीसीएलआर की कोर्ट से एक बार और अंचल से दूसरी बार रिजेक्ट होने पर भी एसी की कोर्ट में अपील नहीं की और तीसरी बार वर्ष 2024-25 में पुनः एक बार फिर से म्यूटेशन के लिये अंचल कार्यालय में आवेदन दिया। जिसका केस नंबर 210/2024-25 है। आवेदन मिलने के बाद आरएसआई सह प्रभारी सीआई राजकुमार साव ने बड़ा खेला करते हुये गलत तरीके से रिपोर्ट कर गत 13 अगस्त को म्यूटेशन स्वीकृत करा दिया। अब सवाल उठता है कि जिस म्यूटेशन के आवेदन को दो-दो सीओ व डीसीएलआर के पद पर कार्यरत आईएएस अधिकारी के द्वारा आदिवासी खाते की भूमि बताकर वर्ष 2021-22 एवं 2023-24 में उसे रिजेक्ट कर दिया गया था तो आखिर किन परिस्थितियों में उसे 13 अगस्त 2024-25 को कैसे सलेक्ट कर दिया गया? डीसीएलआर और दो-दो सीओ द्वारा रिजेक्ट करने बाद भी अंचल से म्यूटेशन होना पूरे अंचल कार्यालय की कार्यप्रणाली एवं जिम्मेदार लोगों की भूमिका पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

क्या है नियम

राजस्व मामलों के जानकार बताते हैं कि आवेदक के द्वारा अंचल कार्यालय में म्यूटेशन के लिये दिये गये पिटीशन को सीओ के द्वारा अस्वीकृत किये जाने पर उसे उपरी राजस्व न्यायालय के पास अपील की जाती है। इस मामले में भी ऐसा हुआ। यहां म्यूटेशन के लिये अंचल में एक बार पिटीशन खारिज होने पर डीसीएलआर की कोर्ट में अपील की लेकिन वहां से भी असफलता मिलने पर एसी की कोर्ट में अपील करने के बजाय अंचल में ही दूसरी बार पिटीशन दिया। किंतु अधिकारियों एवं कर्मियों के सूझबूझ के कारण आवेदक को सफलता नहीं मिली थी। किंतु नगर ऊंटारी अंचल कार्यालय में आरएसआई राजकुमार साव की पोस्टिंग के बाद से अंचल कार्यालय में अंधेरगर्दी मची हुई है। यहां जिन लोगों का नियम संगत कार्य होता है उसे अंचल कर्मियों के द्वारा महीनों अंचल कार्यालय का चक्कर काटने को विवश किया जाता है। जबकि जो पहुंच वाले एवं सुविधा शुल्क देने वाले होते हैं, उनलोगों का नियम विरुद्ध कार्य धड़ल्ले से हो रहा है। इसका एक नहीं अनेकों उदाहरण है। उधर इस संबंध में राजस्व कर्मचारी व सीआई राजकुमार साव से प्रतिक्रिया लेने के लिये जब मोबाईल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने मोबाईल रिसीव नहीं किया।

क्या कहते हैं एसडीओ

इस संबंध में पूछने पर एसडीओ प्रभाकर मिर्धा ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो यह गंभीर मामला है। पूरे मामले की जांच कर दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। दोषी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जायेगा।

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