



गढ़वा:– पवित्र माह ए रमजान मुस्लिम धर्मलंबियों के लिए यह काफी खास और पवित्र होता है उक्त बातें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रंका व मिलाप मेडिकल सेंटर डायरेक्टर डॉ असजद अंसारी ने कही। उन्होंने कहा कि खुद को खुदा की राह में समर्पित कर देने का प्रतीक पाक महीना माह-ए- रमजान न सिर्फ रहमतों बरकतों का महीना है बल्कि मानव जाति धर्म को आपसी भाईचारे और इंसानियत का भी संदेश देता है। उन्होंने कहा की रोजा रखना हर मुसलमान के लिए जरूरी बताया गया है। उन्होंने कहा कि रोजा सिर्फ भूखे, प्यासे रहने का नाम नहीं बल्कि अश्लील या गलत काम से बचना है। इसका मतलब हमें हमारे शारीरिक और मानसिक दोनों के कामों को नियंत्रण में रखना है।उन्होंने कहा कि पवित्र ए माह रमजान में किसी तरह के झगडे़ या गुस्से से ना सिर्फ मना फरमाया गया है बल्कि किसी से गिला शिकवा है तो उससे माफी मांग कर समाज में एकता कायम करने की सलाह दी गई है। इसके साथ एक तय रकम या सामान गरीबों में बांटने की हिदायत है जो समाज के गरीब लोगों के लिए बहुत ही मददगार है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र माह में अल्लाह की इबादत करते हुए रोजा रखा जाता है इसे पाक और अल्लाह की इबादत का महीना भी कहा जाता है।